संदेश

सितंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

तुझे जो पालिया हमने(मुक्तक-a sad heart)

चित्र
तुझे जो पालिया हमने तमन्ना कुछ नहीं हमको तुझे जो खोदिया हमने गिला भी कुछ नहीं हमको जो पाया था वो खोया है इसमें अफ़सोस कैसा है मगर दिल से मेरे पूछो सिला ये क्यूँ मिला हमको. मैं तेरा हूँ तू मेरी है फिर क्यूँ इनकार करती है खुदी में चूर है इतना खुदी पर बार करती है मैं प्यासा हूँ समुन्दर होकर भी इक बूँद का यारो तू समां ऐ इश्क मैं परवाने को क्यूँ बर्बाद करती है. जो मेरी आँखों का पानी है मोहब्बत की निशानी है जो तू छूले तो सागर है जो छलका दूँ कहानी है मोहब्बत का हर एक पल मेरे दिल में बसा अब तक इश्क माना गमजदा है मगर फिर भी रूमानी है. जमाने भर की खुशियाँ फिर तेरे क़दमों में लाया हूँ तेरे दिल में बसा है जो वही फिर दौर लाया हूँ मैं तुझसे पूछता हूँ ये बता मेरी खता क्या थी मैं मिटकर भी तेरी खातिर संबर कर आज आया हूँ.